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महाकुंभ 2025: कहाँ, कब, संभावित खर्च, कमाई और महत्वपूर्ण स्नान तिथियां

जानें महाकुंभ 2025 में योगी सरकार का संभावित खर्च, कमाई और महत्वपूर्ण स्नान तिथियां। महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू होकर यह आयोजन कब तक चलेगा, कितना खर्च ओर स्नान तिथियों का संपूर्ण विवरण नीचे दिया गया है ।

महाकुंभ मेला 2025 कहाँ और कब से?

महाकुंभ 2025: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेला है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी माना जाता है, महाकुंभ मेला 2025 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। आदित्यनाथ सरकार इस आयोजन को भव्य और दिव्य बनाने के लिए व्यापक तैयारी कर रही है। महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद के साथ-साथ भारी खर्च ओर राज्य को भारी राजस्व की उम्मीद है।

महाकुंभ 2025 का खर्च अनुमान

योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 के लिए लगभग ₹4,200 करोड़ का बजट आवंटित किया था परंतु इस आयोजन को और अधिक भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए बजट को बढ़ाकर ₹7,500 करोड़ कर दिया गया। यह राशि पिछले महाकुंभ की तुलना में अधिक है, क्योंकि इस बार आयोजन को और अधिक भव्य और व्यवस्थित बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

योगी सरकार ने महाकुंभ 2025 खर्च का विभाजन श्रद्धालुओं की सुविधाओं के अनसार किया है ।

खर्च का विभाजन

1. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास:

महाकुंभ 2025 में सड़क, पुल, घाट, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के निर्माण और सुधार के लिए ₹3,500 करोड़ का बजट रखा गया है।

2. सुरक्षा व्यवस्था:

श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मेले को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस बल, सीसीटीवी, ड्रोन और निगरानी उपकरणों के ₹1,000 करोड़ का बजट रखा गया है।

3. स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाएं:

मेले में साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देने के लिए ₹1,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें शौचालयों की व्यवस्था, कचरा प्रबंधन, और अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शामिल है।

4. पानी और बिजली की आपूर्ति:

तीर्थयात्रियों को पानी और बिजली की असुविधा न हो इसके लिए सरकार ने इस पर ₹500 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया है।

5. विज्ञापन और प्रचार:

मेले में श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया है इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय और और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार के लिए ₹300 करोड़ बजट रखा है।

6. अन्य व्यवस्थाएं:

सरकार ने अस्थायी आवास, यातायात प्रबंधन, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर ₹1,000 करोड़ का खर्च करने का निश्चय किया है।

महाकुंभ 2025 से होने वाली संभावित कमाई

महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए एक आय का साधन भी है। इस आयोजन से राज्य सरकार को ₹1 लाख करोड़ तक की आर्थिक गतिविधियों की उम्मीद है।

आय के स्रोत:

प्रयागराज महाकुंभ में आय निम्नलिखित स्रोतों से प्राप्त होगी जिससे सरकार को आर्थिक लाभ मिलेगा

1. पर्यटन:

मेले की सुंदरता को देखने के लिए देश-विदेश पर्यटक आएंगे। विदेशी और घरेलू पर्यटकों से होटलों, परिवहन और गाइड सेवाओं के माध्यम से भारी राजस्व प्राप्त किया जायेगा।

2. स्थानीय व्यापार:

मेले में अस्थायी बाजारों, हस्तशिल्प, भोजन और अन्य उत्पादों की बिक्री से बड़ी कमाई।

3. सेवाओं का राजस्व:

मेले को स्टॉल, पार्किंग शुल्क, टिकट और अन्य सेवाओं से सीधा राजस्व प्राप्त होगा।

महाकुंभ 2025 की मुख्य स्नान तिथियां

महाकुंभ में स्नान तिथियों का विशेष धार्मिक महत्व होता है। 2025 में मुख्य स्नान तिथियां निम्नलिखित हैं:

1. मकर संक्रांति /प्रथम शाही स्नान:

14 जनवरी 2025

2. पौष पूर्णिमा:

13 जनवरी 2025

3. मौनी अमावस्या (द्वितीय शाही स्नान):

29 जनवरी 2025

4. बसंत पंचमी (तृतीय शाही स्नान):

03 फरवरी 2025

5. माघ पूर्णिमा:

12 फरवरी 2025

6. महाशिवरात्रि:

26 फरवरी 2025

इन तिथियों पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करेंगे ।

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निष्कर्ष

महाकुंभ 2025, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है। योगी सरकार के ₹7,500 करोड़ के बजट और बेहतर प्रबंधन के जरिए यह आयोजन न केवल सफल होगा, बल्कि भारत की समृद्ध परंपराओं और आध्यात्मिकता को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का एक बड़ा मौका मिला।

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